नई दिल्ली. हर स्टार्टअप की शुरुआत एक विचार से होती है, लेकिन इस विचार को साकार करने के लिए कुशल नेतृत्व और पर्याप्त धन की आवश्यकता होती है. स्टार्टअप्स को फंडिंग एंजल इन्वेस्टर्स, दोस्तों और परिवार या ऋण के माध्यम से मिल सकती है. भारत में स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं.

इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आपको इन तीन बातों को ध्यान रखना होगा. पहला है क्रेडिट हिस्ट्री. कर्जदाता उन्हीं स्टार्टअप्स को लोन देना पसंद करते हैं जो ऋण चुकाने में सक्षम हों. दूसरा है व्यवसाय का प्रकार. व्यवसाय के प्रकार और उससे जुड़े जोखिमों के आधार पर लोन स्वीकृत किया जा सकता है. अगर आपका स्टार्टअप लाभकारी है और भविष्य में ऋण चुकाने में सक्षम है, तो ऋणदाता को लोन देने का विश्वास होगा. आइए जानते हैं इन योजनाओं और इनकी पात्रता के बारे में.